Indian Air Force will conduct maneuvers in February near China border will be organized after 2 years due to Corona चीन सीमा के नजदीक फरवरी में युधाभ्यास करेगी भारतीय वायुसेना
भारतीय वायुसेना
चीन के साथ पूर्वी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के लड़ाकू विमान अरुणाचल प्रदेश, असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में हवाई युद्धाभ्यास करेंगे। आईएएफ ने कहा कि पूर्वी वायु कमान फरवरी के पहले सप्ताह के दौरान अपने वार्षिक कमांड-स्तरीय अभ्यास का आयोजन करेगी। पूर्वी आकाश नाम का यह अभ्यास कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद आयोजित किया जाएगा।
दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश में की थी पेट्रोलिंग
वायु सेना के एक अधिकारी ने कहा कि, इस अभ्यास में संयुक्त अभ्यास समेत हवाई अभ्यास के नियमित अभ्यास के लिए कमांड के लड़ाकू, हेलीकॉप्टर और परिवहन संपत्ति को सक्रिय करना शामिल होगा। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारत और चीनी पीएलए के बीच तनाव बढ़ने के बाद भारतीय वायुसेना के विमानों ने अरुणाचल प्रदेश के आसमान में पेट्रोलिंग की थी।
आईएएफ अधिकारी ने कहा कि पूर्वी वायु कमान ने 15 और 16 दिसंबर, 2022 को अपने एओआर में पूर्व नियोजित अभ्यास किया था। तवांग में घटनाक्रम से पहले उस अभ्यास की योजना बना ली गई थी, और यह घटनाओं से जुड़ा नहीं था। यह अभ्यास भारतीय वायुसेना के चालक दल के प्रशिक्षण के लिए आयोजित किया गया था।
‘किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं देश की सेनाएं’
चीन ने सीमाओं के पास कई गांव बसाए हैं। उत्तराखंड हो, लद्दाख हो या तवांग, सेटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन ने अपनी सीमा पर सड़कें और गांव बना लिए हैं। चीनी पीएलए भी एलएसी की पूर्वी सीमा के पास अपने क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रही है। भारत के पास यह महत्वपूर्ण जानकारी है और फोर्स घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं। कुछ दिन पहले सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन का नाम लिए बगैर कहा था कि पूर्वी सीमा पर विरोधी सैनिकों की तैनाती में मामूली बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत ने एलएसी पर पर्याप्त बल तैनात किया है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। जनरल पांडे ने यह भी कहा था कि उत्तरी सीमा पर स्थिति स्थिर लेकिन अप्रत्याशित बनी हुई है।