नीलम दीदी:दस साल में पांच हजार बिछड़े बच्चों को परिवार से मिलाया, 62 बाल विवाह रोके – A Passion For Social Service That Neelam Saini Goal Bring Smile On People Faces
नीलम सैनी
– फोटो : अमर उजाला
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माजसेवा का ऐसा जुनून कि लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना ही नीलम सैनी का लक्ष्य बन गया। वह उड़ान सोसाइटी के जरिए अब तक पांच हजार बिछड़े बच्चों को उनके परिवार से मिलवा चुकीं हैं और 62 बाल विवाह रोकने में सफलता हासिल कर चुकीं हैं।
बाल, महिला और मानवाधिकार के क्षेत्र में नीलम सैनी बीते 10 वर्ष से कार्य कर रहीं हैं। गांधीनगर निवासी नीलम ने बताया कि छोटे-छोटे प्रयास करते हुए जरूरतमंदों की मदद करना शुरू किया। जरूरत पूरी होने पर जब लोगों के चेहरे पर भावुक मुस्कान खिलती तो उन्होंने इसी मुस्कान के प्रति अपना जीवन समर्पित कर दिया। बिछड़े बच्चों को उनके माता-पिता से मिलवाना ही उनका उद्देश्य बन गया। अपनी इसी सोच को पंख देने के लिए वह उड़ान सोसाइटी से जुड़ गईं।
चाइल्ड लाइन से बिछड़े बच्चों के विषय में जानकारी मिलते ही सबसे पहले बच्चे की काउंसिलिंग करती हैं। इसके बाद वह टीम के साथ संबंधित बच्चे के परिजनों को तलाशती हैं। अन्य शहरों में अपनी टीम से संपर्क करते हुए बच्चे के माता-पिता की तलाश पूरी कर बच्चे को उनके सुपुर्द करतीं हैं। इन्हें सभी नीलम दीदी के नाम से पुकारते हैं।
नीलम सैनी ने बताया कि कोरोना काल में उन्हें काफी संख्या में बाल विवाह कराए जाने की सूचना मिलीं। वह मौके पर पहुंचकर नाबालिगों के परिजनों को समझातीं और पुलिस की मदद से बाल विवाह होने से रोकतीं। नीलम ने बताया कि कोरोना काल में जिन बच्चों के माता-पिता का निधन हो गया था, ऐसे 30 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सुरक्षा योजना से लाभान्वित करा चुकी हैं। इसके अलावा 25 जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा का अधिकार के तहत स्कूलों में प्रवेश करा चुकी हैं।
यह किए कार्य
- पांच हजार बच्चों को मिलवाया परिवार से
- 62 बाल विवाह रुकवाए
- 30 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सुरक्षा योजना से लाभान्वित कराया
- 25 बच्चों को शिक्षा का अधिकार के तहत विद्यालय में प्रवेश कराया
नीलम सैनी बाल अधिकार सहित महिला अधिकारों के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहीं हैं। उन्होंने बाल विवाह रोकने में भी उल्लेखनीय कार्य किया है। -डॉ. ज्ञानेंद्र मिश्रा, निदेशक, उड़ान सोसाइटी